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Friday, July 8, 2011

आओ बीप बीप करें

फिल्म निर्माताओं की कल्पनाशीलता ने  हमारी सोच को बीप-बीप ऊँचाईयों तक पहुंचा दिया है.अभी हाल में कुछ ऐसी फिल्में प्रदर्शित हुई हैं और कुछ प्रदर्शन के लिए कतार में हैं,  जिनमे पात्र जब बोलते हैं तो बीच-बीच में बीप बीप की आवाज़  सुनाई देती है.मेरे शहर के मूढ़मति लोग तो इस बीप बीप के निहितार्थ को ठीक से समझ ही न पाए. जब चतुर सुजानों ने मसला सुलझाया तो सारा शहर किलकारी मार कर कह उठा-जे बीप बीप तो बहुत ही बढ़िया है जिसकी जब चाहो जहाँ चाहो बीप बीप कर दो.इसके जरिये तमाम तथकथित सभ्रांत तबके का तो मज़ा ही हो गया .अब उनको किसी को गरियाने के लिए अवसर नहीं तलाशना पड़ता ,जब मन हुआ ,तभी कर डाली बीप बीप .
गाली के स्थान पर बीप बीप ने उन वीरांगनाओं के लिए मसला निहायत सरल कर दिया ,जो प्रभावपूर्ण अभिव्यक्ति के लिए गाली को अपरिहार्य मानती थीं ,लेकिन लोकलाज के मारे मन मसोस कर रह जाती थीं.अब वह अत्यंत बिन्दास अन्दाज़ में अपना पीछा कर रहे लफंगे से कह सकती थीं –फूट ले यहाँ से ,अभी आता होगा मेरा वो,उसने तुझे इदेख लिया तो तेरी बीप बीप कर देगा .इस बीप बीप ने  बोलचाल की भाषा का सौन्दर्य तो बढ़ाया ही है ,इसके व्यापक स्वीकार्य का रास्ता भी प्रशस्त कर दिया है .बोलचाल की  जिस भाषा शैली पर युगों से पुरुषों का एकाधिकार था,उसमे अब  समानता का प्रादुर्भाव हो गया है .
बीप बीप ने एक सामाजिक क्रांति की शुरुवात कर दी है .विपक्षी दल के नेता को सत्ताधारी दल के नेता को गरियाना है तो वह संसदीय –असंसदीय के झमेले में पड़े बिना बीप बीप कर देगा.इसमें न भाषाई ज्ञान की कोई ज़रूरत और न उपयुक्त शब्दावली के चयन का कोई पचड़ा .वास्तव में सारी दुनिया के लिए ग्लोबल भाषा का माध्यम बन जायेगी यह बीप बीप .इस बीप बीप से हम दुनिया के किसी भी देश को ,जब भी ज़रूरत होगी अपनी अप्रसन्नता जाहिर कर सकेंगे .
हमारे देश ने किसी समय दुनिया को शून्य देकर अपना लोहा मनवाया था,अब बीप बीप करके फिर साबित कर दिया है कि युगांतरकारी मेधाओं ने अभी इस देवभूमि पर जन्म लेना बंद नहीं किया है .
इस बीप बीप में अपार संभावनाएं हैं.शाब्दिक ट्विटर के स्थान पर जब वोयस मेसेज सरीखा ट्विटर अस्तित्व में आयेगा तब बीप बीप की वास्तविक उपयोगिता सारी दुनिया की समझ में आयेगी.नाराज़ प्रेमी अपनी प्रेमिका को बीप बीप करेगा और रूठी हुई प्रेयसी अपने  मंगेतर को.त्रस्त जनता सरकार को बीप बीप कर सकेगी और सरकार जनता को .ग्राहक दुकानदार को बीप बीप करेगा और दुकानदार ग्राहक को.बीप बीप तो कम्युनिकेशन की दुनिया में क्रांति कर देगी . हो सकता है कि तब ट्वीटर ट्विटर न रहे, उसका नाम बीप बीप ही हो जाए.
तमाम खुशफहमियों के बावजूद एक आसन्न खतरा भी मौजूद है कि कहीं इस बीप बीप का भी वही हश्र न हो ,जो कभी इलू –इलू का हुआ था .इलू –इलू ने भी अपने समय में प्रेम पुजारियों को खूब रोमान्चित किया था .कुछ अतिउत्साही जोड़ों ने तो अपने नवजात शिशुओं का नाम ही इलू रख डाला था ये नाम बाद में उपहास का कारक बना .और अनेक लोगों को अपने नौनिहालों के नाम संशोधित करने में लंबी कानूनी प्रक्रिया से गुजरना पड़ा .उम्मीद करनी चाहिए कि इस बीप का कोई वैसा दुरुपयोग नहीं करेगा.बीप बीप का समुचित और सार्थक उपयोग हुआ तो इस अनूठी अभिव्यंगना का जीवन दीर्घकालिक होगा.
बीप बीप के इस आनायास हुए आविष्कार से मैं तो बहुत रोमांचित हूँ .मुझे तो चारों ओर बीप बीप की कर्णप्रिय धवनियां सुनाई दे रही हैं .सारा वातावरण बीपमय हो गया है .आईये ,हम सब मिल कर बीप बीप करें और एक युगांतरकारी घटना के साक्षी बनें .

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