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Monday, September 5, 2011

यह है खुला खेल .....

आजकल इंग्लैण्ड में हमारी क्रिकेट टीम की दुर्गति हो रही है |अमरीका में चल रहे यू एस ओपिन में एक एक करके दिग्गज धाराशाही हो रहे हैं |पर हमारे देश में राजनेताओं और नौकरशाहों की तो बल्ले -बल्ले है|वे तो धनार्जन के क्षेत्र में निरंतर नए कीर्तिमान स्थापित करने की ओर अग्रसर है|इस समय हमारे राजनीतिक परिदृश्य पर खेला जा रहा है -खुला खेल फरुखाबादी|जिसे देखो वही अपनी संपत्ति का विवरण सार्वजानिक करने की जल्दी में है|बहुत दिनों के बाद अवसर हाथ आया है कि अपनी धन सम्पदा की सार्वजनिक नुमाइश कर सकें|मन में जाने कब से यह तड़प थी कि काश मौका मिले तो जनता जनार्दन को बताएं कि वे क्यों विशिष्ट हैं और वे किस प्रकार जन साधारण या आम आदमी|वास्तव में यह वक्त की मांग और ज़रूरत भी है कि आम आदमी को सप्रमाण उसकी औकात बता दी जाये|बात -बात पर राजनेताओं के खिलाफ झंडा बुलंद करने को आतुर आम आदमी को आइना दिखाया जाना ज़रूरी था|
राजनेताओं और टाप नौकरशाहों द्वारा सम्पत्ति के सार्वजनिक प्रदर्शन से उनकी नेकनीयती ,ईमानदारी और सदाशयता का प्रमाण तो मिला ही है,इससे यह भी पता चला है उनका दामन कितना पाक साफ़ है|इससे इस रहस्य पर से भी पर्दा उठ गया है कि राजनेताओं के वस्त्र क्यों इतने धवल और नौकरशाहों के कालर कैसे इतने सफ़ेद दिखा करते हैं|अब कोई साबुन निर्माता यदि यह दावा करेगा कि सफेदी की चमक पर उसका एकाधिकार है तो तत्काल झूठा सिद्ध हो जायेगा|
आम आदमी अपनी अखबार पढ़ने की लत के चलते विवश होकर जब सुबह उसे पढ़ता है तो कुछ ही मिनट बाद गहरी हताशा में डूब जाता है|किसी के पास करोड़ों का सरमाया है तो किसी के पास अरबों रुपयों का|सभी के पास दो -चार रिहाईशी मकान ,कुछ फ्लैट्स,मोटा बैंक बैलेंस ,एफडी ,सोने के ढेरों आभूषण आदि -आदि हैं|तब आम आदमी सोचता है कि हम सिर छुपाने के लिए एक छोटे से घर का सपना पूरा करने में वर्तमान के साथ पूरा भविष्य गिरवी रख देते हैं ,तब भी उसके सपने का साकार होना संदिग्ध ही रहता है|वह कभी किसी बिल्डर द्वारा ठग लिया जाता है तो कभी किसी बिचोलिये की कुटिलता का शिकार बन जाता है और कभी किसी विकास प्राधिकरण के गडबडझाले का शिकार बन जाता है |बैंक बैलेंस में मोटी धनराशि का तो उसने सपना तक देखना कब का छोड़ दिया है|दो वक्त की रोटी के लिए राशन,खास मौकों पर पहनने योग्य कपड़ों की व्यवस्था ,बच्चों को समुचित शिक्षा दिलवाने की जद्दोजेहद,बेटी के हाथ पीले करने के लिए दहेज़ की फ़िक्र के बीच वह तमाम कठिनाइयों में जिंदा रह पाता है ,इसे ही वह ईश्वर की अनुकम्पा मानता है|
सारे लोकसेवक जिस विनम्रता और अदा के साथ अपनी संपत्ति का ब्यौरा दे रहे हैं,उसमें से आती एक चुनौती की पदचाप को साफ़ सुना जा सकता है|आम आदमी के लिए इसमें एक हिकारत भरी चेतावनी है|अपनी हदों में रहने का कठोर सन्देश है|जाँच एजेंसियों को दिखाया जाने वाला ठेंगा है|पद और सत्ता का अहंकार भी है इसमें|अपनी सम्पदा के इस भव्य प्रदर्शन पर परम संतोष ,गर्व और तुष्टि का भाव भी|देखने दिखाने के इस खेल के जरिये देश की जनता के लिए सुस्पष्ट सन्देश यह है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था के मध्य भी परिवर्तित पदनाम के साथ राजे, रजवाड़ों और सामंतों की स्वायत्त सत्ता बरक़रार रहती हैइसीलिए |जाँच एजंसियों के तथाकथित लंबे हाथ भी इनके गिरेबान तक पहुँचने से पहले ही सलाम की मुद्रा में आ जाते है|

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